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ब्रह्मास्त्र - बॉलीवुड ने अब कुछ धमाकेदार बनाया

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 आज सुबह सुबह ब्रह्मास्त्र का ट्रेलर रिलीज हुआ ।  इस मूवी में रणबीर कपूर,आलिया भट्ट , अमिताभ बच्चन,नागार्जुन और मोनी रॉय हमे देखने को मिलते है । और आज जो ट्रेलर उन्होंने निकाला है - एकदम बवाल । इस मूवी को 2014में अनाउंस किया गया था और अभी चल रहा है 2022, 8 साल लग गए इस मूवी को बनाते बनाते । मगर इसका जो ट्रेलर आया है , उसने सबकी रातों की नींद उड़ा दी। एक अच्छा बैकग्राउंड म्यूजिक और कहानी बताने के लिए अमिताभ बच्चन की भारीखम आवाज, क्या कॉम्बिनेशन है !! ये एक ट्रायलॉजी होनी वाली है , जिसकी ये पहेली मूवी है । पूरे ट्रेलर में हमे सब character को introduce करवा दिया और उनकी Powers क्या है वो भी हमे बता दिया । उसमें रणबीर कपूर का नाम शिवा है और उसको आग कुछ नही करती । और वो एक अस्त्र है , ऐसा हमें कहानी में देखने को मिलता है । पूरे ट्रेलर ने ये बता दिया की बॉलीवुड भी अच्छी मूवीज बना सकता है । ये मूवी सितंबर में रिलीज होने वाली है । डिजनी इस मूवी को वर्ल्ड वाइड रिलीज करने वाला है  और हमें इसके दूसरे ट्रेलर देखने को मिल सकते है । इस ट्रेलर ने हमे कहानी के बारे में कोई भी स्पॉइलर दिए  बिना बहोत अच

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किसी भी वेब सीरीज और मूवीज से कही ज्यादा अच्छी है ये एनिमी सीरीज !!

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  आपने कभी सोचा है कि अगर आपको दिवारो के बीच बंध कर दिया जाए , और नाही आप बाहर जा सकते है नाही आप दीवारों के अंदर चेन से जी सकते है । तो आप क्या करेंगे ? कुछ इसी प्रकार की कहानी है Attack on Titan की।  दीवारों के बीच इंसानों को बंध कर दिया गया है ।  इंसानों को सिर्फ यही मालूम है कि अगर जीना चाहते हो तो दीवारों के भीतर अपनी जिंदगी के बचे कुछे दिन निकालो । मगर क्यों इंसानों को इस तरह दीवारों में चुना गया ? इसका जवाब है , Titans । Titans बहोत बड़े इंसान जैसे दिखने वाले नरभक्षी है । मगर ये नरभक्षी बहोत बड़े होते है । और इनके पास कोई दिमाग जैसा कुछ होता नहीं वो सिर्फ अपनी भूख को संतुष्ट करने के लिए कही से आ जाते है , और लोगो को खा जाते है ।  किसी को नहीं पता कि ये Titans कोन है ? कहां से आते है ?  ये है पूरा का पूरा प्लॉट । मगर ये कहानी है , एरेन ईएगर जो इस पूरी कहानी को बदल देता है । जो Humanity को ये सपना दिखाता है कि इस दीवारों के पार भी एक दुनिया है और हम इन Titans को हरा सकते हैं । इस पूरी जर्नी में एरेन ईएगर को साथ देते है , मिकासा और आर्मिन । ये देखना बहुत दिलचस्प होगा कि कैसे इंसान

गांधी को सलाम ( gandhi ko salam )

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 मोहनदास करमचंद गांधी , एक ऐसा नाम जो इस विश्व के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। आज वो दिन है जिस दिन पर उनको गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी । आज जब हम सब आजादी से , जी सकते है, अपने विचारो को व्यक्त कर सकते है , तब हमें गांधी को नमन करने का मन करता है ।     मगर कुछ गिने चुने लोग जिन्होंने खुद ही ये तय कर लिया कि आजादी के बाद हुई हिंसा के लिए सिर्फ गांधी जवाबदेह है । उन्होंने कभी ये नहीं सोचा कि अगर जिन्हा पाकिस्तान बनाते ही नहीं , तो जो हिंसा हुई वो न होती । और इन गिने चुने लोगों का चेहरा बन था नाथूराम गोडसे ।     भले ही गांधी को गोली मारकर गोडसे ने उनकी हत्या कि , मगर गांधी की हत्या कभी हो ही नहीं सकती ,क्योंकि गांधी एक व्यक्ति नहीं , एक विचारविश्व का नाम है । इसीलिए वो कहते थे की , में हर बार अपनी कब्र में से खड़ा होकर आऊंगा । और इसी विचार के आधार पर लगे रहो मुन्नाभाई फिल्म बनाई गई थी ।       गांधी के बाद अन्याय के विरुद्ध हुए कई आंदोलनों में हमें गांधी देखने को मिलते है । और हम भी जब कुछ ऐसा काम करते है, जिसे हमारे अंदर की आवाज नहीं करने को कहती है , तो वहां भी हमें गा

दु:ख

 आज हम बात करने वाले हैं दु:ख के बारे में ।तुम कब कहते हो कि तुम दु:खी हो, जरा पूछो खुद को कि , मेरे दु:खी होने की डेफिनेशन क्या है ? तुम्हारे पास पैसे नहीं है, तुम्हारे पास घुमाने के लिए लड़की नहीं है, तुम्हारे पास घूमने के लिए बाइक नहीं है , तो दु:खी हो तुम वैसे तो हिंदुस्तान का हर तीसरा लड़का या लड़की दुखी मिलेंगे तुमको।  क्या अच्छा जीवनसाथी और अच्छा परिवार न होना दु:ख है तो फिर कई ऐसे कलाकार तुमको इसी वजह से खुश मिलेंगे कि उनके पास एक खराब जीवनसाथी या खराब फैमिली थी । अच्छी कॉलेज या नौकरी न मिलना दु:ख है तो फिर उनका क्या जो खराब कॉलेज से निकल कर भी अच्छी नौकरी पाते हैं और खराब जगह पर नौकरी करके भी खुश रहते हैं। अगर फिजिकल पैन दुख है तो कई ऐसे लोग मिलेगी तुम्हें जो कहेंगे कि कभी-कभी यह फिजिकल पैन ही जिंदगी आसान और आरामदायक बनाता है। तुम दु:खी इसलिए नहीं कि तुम्हारे आसपास कुछ हो रहा है तुम दु:खी इसलिए हो क्योंकि तुम्हारे अंदर कुछ हो रहा है। भगवान ने मनुष्य जीवन में सिर्फ सुख नाम की घटना लिखी है मगर दु:ख तो हमने खुद निर्माण किया है। जब तुम वह नहीं पाते जो तुम्हें मिलना चाहिए, जब तुम व

ONE SIDED LOVE हैं । क्या करू ?

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    ए दिल है मुश्किल वह फिल्म जिसको देखते देखते मुझे नींद आ गई थी। कोई कांसेप्ट नहीं, कुछ नहीं । सिर्फ एक लड़का जो शरीर से बड़ा हो गया है, मगर दिमाग अभी भी वही बच्चों वाला । और सिंगर बनना चाहता है ।              एक लड़की के साथ रहता है , चुम्मा चाटी करता है , फिर वह लड़की किसी और से शादी कर लेती है ।          और ये लड़का बहुत बड़ा सिंगर बन कर भी वही बच्चों वाली हरकतें करता है । और सारे मजनू इसको अपना आइडल मानकर वन साइडेड लव करने के लिए लगे पड़े हैं ।     वैसे वन साइडेड लव की बीमारी हमारी खुद की बनाई हुई है, जिसकी दवाई भी हमारे ही पास है। मगर हम यह बीमारी बहुत मीठी लगने लगती है और हम कभी इसे दुरुस्त होना नहीं चाहते ।   पहले समझते हैं यह वन साइडेड लव होता क्या है ? इसके बाद हम बात करेंगे कि हम कैसे इस से बाहर निकले ।   एक लड़का या एक लड़की को अपने ऑपोजिट जेंडर के साथ अट्रैक्शन होता है । और होना भी चाहिए अगर यह अट्रैक्शन नहीं होता तो, आपको किसी मनोचिकित्सक के पास जाने की आवश्यकता है ।    जब एट्रेक्शन होता है तो हम हमारी भाषा में उसे क्रश कहते हैं । और किसीपे क्रश होने में कुछ भी बुरा नहीं

Religion vs freedom of expression

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 कुछ दिनों पहले मैंने अपने इंस्टाग्राम पर यह सवाल डाला था , कि तुम रीलीजन और फ्रीडम आफ एक्सप्रेशन में से क्या चुनोगे ? जिसके जवाब में 21% लोगों ने कहा था कि वह रिलीजन को चुनेंगे और 79% लोगों ने कहा था कि वह फ्रीडम आफ एक्सप्रेशन को चुनेंगे ।    मगर आज हम बात करेंगे कि क्यों रीलीजन या धर्म और फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के बीच टकराव होता है ? और क्या हम इस टकराव से बच सकते हैं ?     सबसे पहले यह टकराव होता क्यों है? धर्म में कोई पूजा अर्चना किसी विधि से हम भगवान या परमात्मा  के साथ जुड़ते हैं,  या महसूस करते हैं कि वह है । धर्म का व्यावहारिक अर्थ है कि,  तुम उस  सुप्रीम पावर या  ट्रुथ के साथ जुड़ने के लिए या उसे महसूस करने के लिए कुछ करते हो ।    जब तुम हिंदुओं की बात करते हो तो उनमें कई सारे देवी देवता है और हर देवी देवता को प्रार्थना करने का या उनकी शक्तियों को या उनको अपना महसूस करने के कई तरीके हैं और वैसे ही अलग-अलग धर्मों के अलग-अलग रास्ते या क्रियाकलाप है ।     फ्रीडम ऑफ स्पीच या एक्सप्रेशन का भगवान से कोई नाता नहीं होना चाहिए । उसका लेना देना सिर्फ उन क्रियाकलापों से होना चाहिए जिसके अं

रेप क्यों होते है ?? || Rape kyo hote hai ??

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        हर रोज अखबार पढ़ते वक्त एक रेप केस हमें पढ़ने मिलेगा । एक पढ़े लिखे समझदार इंसान होने के नाते हमें यह सोचना चाहिए कि यह रेप होते क्यों है ? और आज हम इसके बारे में बात करेंगे ।                   रेप या बलात्कार का अर्थ होता है दूसरे इंसान की अनुमति के बिना उसके साथ सेक्स करना ।          अगर हम इस अर्थ के आधार पर देखें तो रेप या बलात्कार , पति पत्नी से लेकर गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड तक किसी भी संबंध में हो सकता है , और हाल ही में सामने आए मामलों में यह देखा जा चुका है । ज्यादातर मामलों में बलात्कारी या रेपिस्ट हमारे जानने वाले ही होते हैं ।       आज हम बात करने वाले हैं कि क्यों रेप होते हैं ?  रेप या बलात्कार किसी के साथ किसी के भी द्वारा हो सकता है मगर 99% रेप या बलात्कार जो होते हैं वह पुरुषों (Male) के द्वारा स्त्रियों ( Female ) साथ किए जाते हैं। और हम आज उसी की गहराई में उतरने वाले हैं।       रेपिस्ट की प्रोफाइल का अगर ध्यान से अध्ययन किया जाए तो यह जरूर से सामने आएगा कि वह डोमेस्टिक वायलेंस से गुजरा होगा, उसने छोटे-बड़े हिंसात्मक काम भी किए होंगे और अपने आस-पड़ोस की लड़कियों