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Showing posts from November, 2020

mk 3

ONE SIDED LOVE हैं । क्या करू ?

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    ए दिल है मुश्किल वह फिल्म जिसको देखते देखते मुझे नींद आ गई थी। कोई कांसेप्ट नहीं, कुछ नहीं । सिर्फ एक लड़का जो शरीर से बड़ा हो गया है, मगर दिमाग अभी भी वही बच्चों वाला । और सिंगर बनना चाहता है ।              एक लड़की के साथ रहता है , चुम्मा चाटी करता है , फिर वह लड़की किसी और से शादी कर लेती है ।          और ये लड़का बहुत बड़ा सिंगर बन कर भी वही बच्चों वाली हरकतें करता है । और सारे मजनू इसको अपना आइडल मानकर वन साइडेड लव करने के लिए लगे पड़े हैं ।     वैसे वन साइडेड लव की बीमारी हमारी खुद की बनाई हुई है, जिसकी दवाई भी हमारे ही पास है। मगर हम यह बीमारी बहुत मीठी लगने लगती है और हम कभी इसे दुरुस्त होना नहीं चाहते ।   पहले समझते हैं यह वन साइडेड लव होता क्या है ? इसके बाद हम बात करेंगे कि हम कैसे इस से बाहर निकले ।   एक लड़का या एक लड़की को अपने ऑपोजिट जेंडर के साथ अट्रैक्शन होता है । और होना भी चाहिए अगर यह अट्रैक्शन नहीं होता तो, आपको किसी मनोचिकित्सक के पास जाने की आवश्यकता है ।    जब एट्रेक्शन होता है तो हम हमारी भाषा में उसे क्रश कहते हैं । और किसीपे क्रश होने में कुछ भी बुरा नहीं

Religion vs freedom of expression

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 कुछ दिनों पहले मैंने अपने इंस्टाग्राम पर यह सवाल डाला था , कि तुम रीलीजन और फ्रीडम आफ एक्सप्रेशन में से क्या चुनोगे ? जिसके जवाब में 21% लोगों ने कहा था कि वह रिलीजन को चुनेंगे और 79% लोगों ने कहा था कि वह फ्रीडम आफ एक्सप्रेशन को चुनेंगे ।    मगर आज हम बात करेंगे कि क्यों रीलीजन या धर्म और फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के बीच टकराव होता है ? और क्या हम इस टकराव से बच सकते हैं ?     सबसे पहले यह टकराव होता क्यों है? धर्म में कोई पूजा अर्चना किसी विधि से हम भगवान या परमात्मा  के साथ जुड़ते हैं,  या महसूस करते हैं कि वह है । धर्म का व्यावहारिक अर्थ है कि,  तुम उस  सुप्रीम पावर या  ट्रुथ के साथ जुड़ने के लिए या उसे महसूस करने के लिए कुछ करते हो ।    जब तुम हिंदुओं की बात करते हो तो उनमें कई सारे देवी देवता है और हर देवी देवता को प्रार्थना करने का या उनकी शक्तियों को या उनको अपना महसूस करने के कई तरीके हैं और वैसे ही अलग-अलग धर्मों के अलग-अलग रास्ते या क्रियाकलाप है ।     फ्रीडम ऑफ स्पीच या एक्सप्रेशन का भगवान से कोई नाता नहीं होना चाहिए । उसका लेना देना सिर्फ उन क्रियाकलापों से होना चाहिए जिसके अं