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गांधी को सलाम ( gandhi ko salam )

 मोहनदास करमचंद गांधी , एक ऐसा नाम जो इस विश्व के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है।




आज वो दिन है जिस दिन पर उनको गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी । आज जब हम सब आजादी से , जी सकते है, अपने विचारो को व्यक्त कर सकते है , तब हमें गांधी को नमन करने का मन करता है । 


   मगर कुछ गिने चुने लोग जिन्होंने खुद ही ये तय कर लिया कि आजादी के बाद हुई हिंसा के लिए सिर्फ गांधी जवाबदेह है । उन्होंने कभी ये नहीं सोचा कि अगर जिन्हा पाकिस्तान बनाते ही नहीं , तो जो हिंसा हुई वो न होती । और इन गिने चुने लोगों का चेहरा बन था नाथूराम गोडसे ।



    भले ही गांधी को गोली मारकर गोडसे ने उनकी हत्या कि , मगर गांधी की हत्या कभी हो ही नहीं सकती ,क्योंकि गांधी एक व्यक्ति नहीं , एक विचारविश्व का नाम है । इसीलिए वो कहते थे की , में हर बार अपनी कब्र में से खड़ा होकर आऊंगा । और इसी विचार के आधार पर लगे रहो मुन्नाभाई फिल्म बनाई गई थी । 


     गांधी के बाद अन्याय के विरुद्ध हुए कई आंदोलनों में हमें गांधी देखने को मिलते है । और हम भी जब कुछ ऐसा काम करते है, जिसे हमारे अंदर की आवाज नहीं करने को कहती है , तो वहां भी हमें गांधी दिखते है । इस देश के कण कण में गांधी है और यहां हर देशवासी की नस नस में गांधी है, चाहे वो माने या ना माने ।


     जब गांधी ने अहिंसा व्रत शुरू किया था ,तब कुछ लोग उन्हें पागल समझते थे । मगर उनके पागलपनने हमें आजादी दिलाई इसमें कोई दो राय नहीं । क्योंकि अगर गांधी न होते तो ये देश आजाद होता मगर इस हालत में कभी नहीं पहोंच पाता , जहां आज हम है । 


       गांधी इस देश की इमारत की नींव है । गांधी अव्यवहारिक हो सकते है , गांधी गलत भी हो सकते है , मगर गांधी कभी भी देशद्रोही या देश विरोधी नहीं हो सकते है । गांधी ने हमें सिर्फ आजाद नहीं किया, हमारे लिए उच्च आदर्शों को हमारे जीवन में अपनाकर कैसे जिया जा सकता है , उसका मार्ग बताया है । 


       आज , गांधी की मूर्ति या फोटो को देख कर हमें सिर्फ नमन करने का और सलाम कहने का मन करता है ।

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