Main ek majdur hu.
में एक मजदूर हु। गरीब हुँ । आजकल बेरोजगार हु। कुछ साल पहले अपने गाँव से इस शहर में काम की खोज से आया था ।
हर रोज काम पे जाता हूं , और बदन दर्द करने लगे तब तक काम करता हु। कभी कभी में सोचता हूं की में कोई अहमियत नही रखता इस समाज में। क्योंकी कोई हमारी बात नही करता । सबको लगता है सब कुछ अपने आप होता है।
कोई मकान अपने आप बनता है, कोई मकान अपने आप साफ होता हैं, साफ सफाई अपने आप होती है।और बहोत कुछ अपने आप होता है। में तो कोई इंसान ही नहीं।
हर रोज कमा के हर रोज खाना खाता हूं। हर रोज टीवी इसलिए देखता हूं क्योंकि कुछ ऐसा दिख जाए जो मुझे अपने हालातों को भूलने में मदद करे।
फिर भी यहीं सोचता हूं कि, क्यो में भुलाया गया हूँ इस समाज में? में क्यो इतना बेइज्जत होकर जी रहा हु ? में क्यो मेरे साब लोगों से अलग और नीचा हु ? में क्यों हुँ ?
#lockdownformajdur
हर रोज काम पे जाता हूं , और बदन दर्द करने लगे तब तक काम करता हु। कभी कभी में सोचता हूं की में कोई अहमियत नही रखता इस समाज में। क्योंकी कोई हमारी बात नही करता । सबको लगता है सब कुछ अपने आप होता है।
कोई मकान अपने आप बनता है, कोई मकान अपने आप साफ होता हैं, साफ सफाई अपने आप होती है।और बहोत कुछ अपने आप होता है। में तो कोई इंसान ही नहीं।
हर रोज कमा के हर रोज खाना खाता हूं। हर रोज टीवी इसलिए देखता हूं क्योंकि कुछ ऐसा दिख जाए जो मुझे अपने हालातों को भूलने में मदद करे।
फिर भी यहीं सोचता हूं कि, क्यो में भुलाया गया हूँ इस समाज में? में क्यो इतना बेइज्जत होकर जी रहा हु ? में क्यो मेरे साब लोगों से अलग और नीचा हु ? में क्यों हुँ ?
#lockdownformajdur
Good bro
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